लाभ और हानि विवरण क्या होता है: महत्व, घटक और गणना

क्या आप बिना लाभ और हानि विवरण (Profit & loss statement) देखे यह बता सकते कि आपका बिज़नेस लाभ कमा रहा है या नहीं?

बिज़नेस का खर्च आय से अधिक है, और हर महीने के अंत में आपको कई सारी बिलों की पेमेंट करनी पड़ती है। यह स्थिति किसी भी व्यवसायी के लिए सही नहीं होती है।

यही वजह है कि बिज़नेस के लाभ और हानि की गणना करना महत्वपूर्ण होता है और लाभ और हानि विवरण (P&L स्टेटमेंट) बिलकुल यही करता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि वर्तमान में बिज़नेस की सफलता के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है।

इस ब्लॉग में हम लाभ और हानि विवरण की मूल अवधारणा, बिज़नेस में इसका महत्व, इसके प्रमुख घटकों और इसे कैसे बनाया जाए, इसके बारे में समझेंगे।

लाभ और हानि विवरण क्या है?

लाभ और हानि विवरण या इनकम स्टेटमेंट एक तरह की वित्तीय रिपोर्ट (Financial report) होती है, जिसमें एक विशिष्ट अवधि के दौरान बिज़नेस के राजस्व, लागत और खर्च को दर्शाया जाता है।

आमतौर पर, P&L स्टेटमेंट किसी वित्तीय तिमाही (Fiscal quarter) को कवर करता है, लेकिन इसे अपने आवश्यकतानुसार किसी भी विशिष्ट अवधि के लिए तैयार किया जा सकता है।

राजस्व – खर्च = शुद्ध लाभ या हानि

लाभ और हानि विवरण का महत्व

किसी भी बिज़नेस के लिए, चाहे वह कितना भी बड़ा या छोटा क्यों न हो, P&L स्टेटमेंट के महत्व को समझना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

नीचे कुछ प्रमुख कारण बताए गए हैं कि बिज़नेस की अकाउंटिंग में इसका इतना महत्व क्यों है:

1. वित्तीय प्रदर्शन मूल्यांकन में सहायक:

लाभ और हानि विवरण आपको और अन्य हितधारकों (Stakeholders) को एक निश्चित अवधि में बिज़नेस के वित्तीय प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में मदद करता है। इस प्रकार आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि कौन से कार्य बिज़नेस के लिए फ़ायदेमंद हैं या किस कार्य की वजह से बिज़नेस को नुकसान हो रहा है।

2. निर्णय लेने में सहायक:

बिज़नेस संबंधी कोई भी निर्णय डेटा पर आधारित होने चाहिए और लाभ और हानि विवरण, महत्वपूर्ण वित्तीय डेटा प्रदान करता है; जो लागत में कटौती, बिज़नेस बढ़ाने, निवेश और मूल्य निर्धारण संबंधी निर्णय लेने में सहायक होता है।

3. निवेशकों और लोन प्रदाताओं को आकर्षित करने में सहायक:

संभावित निवेशक और लोन प्रदाता अक्सर आपके बिज़नेस की योग्यता का आकलन करने के लिए लाभ और हानि विवरण का मूल्यांकन करते हैं। एक सकारात्मक P&L स्टेटमेंट आत्मविश्वास दे सकता है और बैंक लोन जैसी बाहरी फंडिंग को आकर्षित कर सकता है।

4. ट्रेंड्स और पैटर्न की पहचान करने में सहायक:

विभिन्न अवधियों के लाभ और हानि विवरण की तुलना करके, आप अपने बिज़नेस के प्रदर्शन में ट्रेंड्स और पैटर्न की पहचान कर सकते हैं। यह विश्लेषण (Analysis) आपको संभावित समस्याओं का पता लगाने और विकास के अवसरों का लाभ उठाने के योग्य बनाता है।

5. कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक:

कई देशों में व्यवसायियों को नियामक अधिकारियों (Regulatory authorities) को लाभ और हानि विवरण सहित फ़ाइनेंशियल स्टेटमेंट प्रस्तुत करना होता है। इस नियम का पालन न करने की स्थिति में व्यवसायियों को जुर्माना भरना पड़ सकता है।

लाभ और हानि विवरण के प्रमुख घटक

बिज़नेस के प्रकार और उसकी जटिलता (जैसे: आप सेवाओं की बजाय वस्तुएं बेचते हैं, आय के कई स्त्रोत हैं या कई खर्चे हैं) के आधार पर, अलग-अलग बिज़नेस के लिए प्रॉलाभ और हानि विवरण अलग हो सकता है।

नीचे P&L स्टेटमेंट के सबसे सामान्य घटकों के बारे में बाताया गया है:

1. राजस्व:

इस अनुभाग (Section) में निश्चित अवधि के दौरान बिज़नेस द्वारा उत्पन्न सभी राजस्व (Revenue) को शामिल किया जाता है। इसमें बिक्री राजस्व, सेवा राजस्व, ब्याज द्वारा आय और अन्य आय स्त्रोत शामिल होते हैं।

2. बेचे गए माल की लागत (COGS):

COGS माल के उत्पादन या सेवाएं प्रदान करने में होने वाली प्रत्यक्ष लागत को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, किसी मैन्यूफैक्चरिंग बिज़नेस के लिए माल की लागत में कच्चा माल, श्रम और अन्य खर्च शामिल हो सकते हैं।

सेवाएं प्रदान करने वाले बिज़नेस के लिए, इसमें सेवा वितरण (Service delivery) से संबंधित लागतें शामिल हैं।

3. सकल लाभ:

सकल लाभ (Gross profit) की गणना कुल राजस्व से COGS घटाकर की जाती है। यह दर्शाता है कि आपका व्यवसाय कितनी कुशलता से सामान का उत्पादन करता है या सेवाएं प्रदान करता है।

4. परिचालन व्यय:

परिचालन व्यय (Operating expenses) में बिज़नेस चलाने में होने वाली सभी अप्रत्यक्ष लागतें (Indirect cost) शामिल होती हैं। इसमें सैलरी, किराया, उपयोगिताएं (Utilities), मार्केटिंग और अन्य प्रशासनिक लागतें मुख्य हैं।

5. परिचालन आय:

करों, मूल्यह्रास (Depreciation), ब्याज और प्राधिकरण (Authorization) से पहले आपकी कमाई को परिचालन आय (Operating income) कहा जाता है। परिचालन आय निर्धारित करने के लिए, सकल लाभ (Gross profit) से परिचालन व्यय घटाएं।

6. शुद्ध लाभ और हानि:

अंत में, लाभ और हानि विवरण बिज़नेस के शुद्ध लाभ (Net profit) को दर्शाता है, जो सभी खर्चों को निकालने के बाद कुल अमाउंट बचात है। अपने शुद्ध लाभ की गणना करने के लिए अपने कुल खर्चों को अपने सकल लाभ (Gross profit) से घटाएं।

लाभ और हानि विवरण कैसे बनाएं: उदाहरण के साथ विस्तृत मार्गदर्शिका

लाभ और हानि विवरण आपके बिज़नेस के वित्तीय प्रदर्शन का सही आकलन करने में काफ़ी सहायक होता है।

यहां हम काल्पनिक उदाहरण का उपयोग करके सामान्य P&L स्टेटमेंट बनाने का प्रयास करेंगे:

स्टेप 1: अपने बिज़नेस आय की गणना करें

बिज़नेस आय से तात्पर्य वस्तुओं और सेवाओं के बदले मिले हुए पैसों से है। यहां हम मान लेते हैं कि आप साइकिल बेचते हैं।

उदाहरण:

बेची गई साइकिलों की संख्या: 100

औसत इकाई मूल्य: ₹2,500

गणना:

बिज़नेस की आय = बेची गई साइकिलों की संख्या x औसत इकाई मूल्य

बिज़नेस की आय = 100 x ₹2,500

बिज़नेस की आय = ₹2,50,000

स्टेप 2: माल की लागत की गणना करें

बेची गई वस्तुओं की लागत (COGS) में वस्तुओं या सेवाओं के उत्पादन से संबंधित खर्च शामिल हैं।

उदाहरण:

सप्लायर से प्रति साइकिल लागत: ₹1,000

गणना:

बिक्री लागत = बेची गई साइकिलों की संख्या x सप्लायर से प्रति साइकिल लागत

बिक्री लागत = 100 x ₹1,000

बिक्री लागत = ₹1,00,000

स्टेप 3: अपना सकल लाभ निर्धारित करें

सकल लाभ, बिज़नेस की आय और COGS के बीच का अंतर है।

गणना:

सकल लाभ = बिज़नेस की आय – बिक्री लागत

सकल लाभ = ₹2,50,000 – ₹1,00,000

सकल लाभ = ₹1,50,000

स्टेप 4: अपने परिचालन व्यय की गणना करें

परिचालन व्यय रोज़ाना की बिज़नेस संबंधी गतिविधियों को कवर करते हैं और कंपनी की दक्षता निर्धारित करने के लिए आवश्यक हैं।

उदाहरण:

किराया: ₹15,000

बिजली और पानी: ₹5,000

कर्मचारियों की सैलरी: ₹ 40,000

मार्केटिंग व्यय: ₹10,000

ऑफ़िस सप्लाई: ₹2,000

गणना:

कुल परिचालन व्यय = किराया + बिजली और पानी + कर्मचारियों की सैलरी + मार्केटिंग व्यय + ऑफ़िस सप्लाई

कुल परिचालन व्यय = ₹15,000 + ₹5,000 + ₹40,000 + ₹10,000 + ₹2,000

कुल परिचालन व्यय = ₹72,000

स्टेप 5: अपने परिचालन आय का मूल्यांकन करें

परिचालन आय, सकल लाभ और परिचालन व्यय के बीच का अंतर है।

गणना:

परिचालन आय = सकल लाभ – कुल परिचालन व्यय

परिचालन आय = ₹1,50,000 – ₹72,000

परिचालन आय = ₹78,000

स्टेप 6: अन्य आय और व्यय को समायोजित करें

EBITDA की गणना करने के लिए, परिचालन आय में मूल्यह्रास (Depreciation) और परिशोधन (Amortization) जोड़ें।

उदाहरण:

मूल्यह्रास: ₹5,000

परिशोधन: ₹3,000

गणना:

EBITDA = परिचालन आय+ मूल्यह्रास + परिशोधन

EBITDA = ₹78,000 + ₹5,000 + ₹3,000

EBITDA = ₹86,000

स्टेप 7: शुद्ध लाभ और हानि

EBITDA से ब्याज, कर और मूल्यह्रास घटाने के बाद शुद्ध लाभ पता चलता है।

उदाहरण:

ब्याज: ₹8,000

कर: ₹12,000

गणना:

शुद्ध लाभ = EBITDA – (ब्याज + कर + मूल्यह्रास)

शुद्ध लाभ = ₹86,000 – (₹8,000 + ₹12,000 + ₹5,000)

शुद्ध लाभ = ₹61,000

स्टेप 8: शुद्ध लाभ प्रतिशत

शुद्ध लाभ प्रतिशत की गणना करने के लिए, शुद्ध लाभ को बिज़नेस की आय से विभाजित करें और 100 से गुणा करें।

गणना:

शुद्ध लाभ प्रतिशत (%) = (शुद्ध लाभ/बिज़नेस की इनकम) x 100

शुद्ध लाभ प्रतिशत (%) = (₹61,000 / ₹2,50,000) x 100

शुद्ध लाभ प्रतिशत (%) = 24.4%

महत्वपूर्ण बातें

प्रदर्शन मूल्यांकन और बेंचमार्किंग में सहायक:

एक अच्छी तरह से तैयार किया गया P&L स्टेटमेंट विभिन्न अवधियों में आपके बिज़नेस के प्रदर्शन को मापने के लिए एक बेंचमार्क प्रदान करता है।

लागत और दक्षता में सुधार की पहचान करने में सहायक:

P&L स्टेटमेंट उन लागतों को दिखाता है, जो आपके बिज़नेस के वित्तीय स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

सही निर्णय लेने में सहायक:

P&L स्टेटमेंट की सहायता से आप अपने बिज़नेस के लिए सही निर्णय ले सकते हैं।

बिज़नेस लोन पाने में सहायक:

पब्लिक और प्राइवेट बैंक एवं अन्य लोन प्रदाता आपके बिज़नेस की वित्तीय स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं। जिस बिज़नेस की वित्तीय स्थिति अच्छी होती है, उसे लोन आसानी से मिल जाता है।

बिज़नेस के भविष्य की योजना बनाने में सहायक:

अपने बिज़नेस के पिछले P&L स्टेटमेंट का अध्ययन करके, आप सही तरह से बिज़नेस को आगे बढ़ाने की योजनाओं पर काम कर सकते हैं।

 

ऐसे में आप किस बात का इंतज़ार कर रहे हैं, आज ही अपने बिज़नेस के लिए लाभ और हानि विवरण बनाएं और उसके मूल्यांकन के आधार पर बिज़नेस को आगे बढ़ाएं।

बिज़नेस और फ़ाइनेंस संबंधी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए MyBusiness ब्लॉग पेज पर आते रहें।

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